कल्याण सिंह के निधन पर यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक, सोमवार को होगा अंतिम संस्कार
By: Pinki Sun, 22 Aug 2021 00:37:53
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (बाबू जी) का 89 साल की उम्र में SGPGI में निधन हो गया। यूपी के पूर्व सीएम और राज्यपाल कल्याण सिंह दो महीने से अस्पताल में भर्ती थे। 7 दिनों से वेंटिलेटर पर थे। 21 जून को उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के कारण लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर 4 जुलाई को उन्हें PGI शिफ्ट किया गया था। कल्याण सिंह की अंत्येष्टि 23 अगस्त की शाम उनके पैतृक गांव अतरौली के नरौरा में गंगा घाट पर होगी। इस दिन पूरे यूपी में सार्वजनिक अवकाश भी रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह के निधन की आधिकारिक जानकारी देते हुए प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा भी की। योगी ने कहा- कल्याण सिंह दो महीने से अस्वस्थ थे। उन्होंने आज रात सवा नौ बजे आखिरी सांस ली। हम सभी दुखी है। मैं दिवंगत आत्मा के लिए शांति की कामना करता हूं।
सीएम योगी ने बताया कि रविवार की शाम कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अलीगढ़ ले जाया जाएगा। लोगों के दर्शन के लिए वहां स्टेडियम में व्यवस्था हो रही है। अगले दिन सोमवार 23 अगस्त को पार्थिव शरीर उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि अतरौली लाया जाएगा। यहां लोगों के दर्शन के बाद नरौरा में गंगा किनारे अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कल्याण सिंह के निधन की खबर मिलते ही शनिवार की देर शाम सीएम योगी पीजीआई पहुंचे। कल्याण सिंह के निधन की घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य कल्याण सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे। दो महीने से कल्याण सिंह जी बीमार थे। रात सवा नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
Three-day state mourning will be declared to condole the demise of Kalyan Singh. His last rites will be performed on the bank of Ganga in Narora in the evening of on August 23. There will be a public holiday on August 23: CM Yogi Adityanath in Lucknow https://t.co/LXfiBuezCH pic.twitter.com/WFeqX6nzVh
— ANI UP (@ANINewsUP) August 21, 2021
यूपी में भाजपा के पहले सीएम थे कल्याण सिंह
कल्याण सिंह यूपी में भाजपा के पहले सीएम थे। उन्होंने पहली बार सीएम बनने के बाद मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या में जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के दौरान कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। कल्याण सिंह 3 बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। वह भाजपा के यूपी में पहले सीएम भी थे। पहले कार्यकाल में 24 जून 1991 से 6 दिसम्बर 1992 तक और दूसरी बार 21 सितंबर 1997 से 21 फरवरी 1998 तक CM रहे। हालांकि, अगले दिन 22 फरवरी 1998 को वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने और 12 नवंबर 1999 तक इस पद पर रहे। 30 अक्टूबर, 1990 को जब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। प्रशासन कारसेवकों के साथ सख्त रवैया अपना रहा था। ऐसे वक्त में भाजपा ने मुलायम का मुकाबला करने के लिए कल्याण सिंह को आगे किया। कल्याण सिंह भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे ऐसे नेता थे, जिनके भाषणों को सुनने के लिए जनता सबसे ज्यादा बेताब रहती थी। कल्याण सिंह ने एक साल के अंदर ही भाजपा को उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली। इसके बाद कल्याण सिंह यूपी में भाजपा के पहले सीएम बने।